कोरोनावायरस क्या है? जानें इसके लक्षण और बचने के तरीके
क्या है कोरोना वायरस? जानें, बीमारी के कारण, लक्षण व समाधान
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश के सबसे बड़े अस्पताल और शोध संस्थान एम्स (Aiims) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पंजाब (Punjab) , राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य भागीदारों के साथ गुणवत्ता सुधार परियोजना की शुरुआत की है। यह परियोजना समुदाय में उच्च रक्तचाप और मधुमेह से निपटने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
आई-टीआरईसी के तहत गैर-चिकित्सक स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उच्च रक्तचाप और मधुमेह देखभाल में सुधार लाने के लिए एक पैकेज विकसित किया गया है। यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षणों (रेन्डमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल) और अन्य अनुसंधान परियोजनाओं से उत्पन्न एक दशक के अनुभव पर आधारित है।
इंसान से इंसान में संक्रमण फैलने का प्रमाण नहीं
भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डा. ए सी धारीवाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। डॉ. धारीवाल के मुताबिक, यह वायरस इंसान से इंसानों के शरीर में प्रवेश करता है, इससे संबंधित फिलहाल कोई प्रमाण नहीं है लेकिन वायरस जानवरों से मानव शरीर में प्रवेश करता है, इसकी पुष्टि हो चुकी है। वहीं, इस वायरस के बचाव के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरती जानी चाहिए।
जानवर से इंसान में फैलता है संक्रमण
भारत में कितना खतरा
डॉ . धारीवाल के मुताबिक, देश में वायरस संक्रमण का जोखिम है क्योंकि चीन भारत का पड़ोसी देश है। वहीं चीन से नेपाल और पाकिस्तान लोग काफी संख्या में आवागमन करते हैं। यही वजह है कि जोखिम को देखते हुए सरकार ने पिछले तीन दिनों में इसके संक्रमण को रोकने के लिये युद्धस्तर पर प्रयास किए हैं।
सांप के जरिए मानव शरीर में पहुंचा वायरस संक्रमण
कोरोना वायरस (Corona Virus) से जुड़ी शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मानव शरीर में वायरस का संक्रमण चीन में सांप के जरिए हुआ है। देश के पूर्वोत्तर राज्यों सहित जनजातीय बहुल क्षेत्रों में इस तरह के वायरस के संक्रमण की आशंका बनी हुई है। डॉ. धारीवाल के मुताबिक, चीन में सांप का मांस खाया जाता है। वायरस संक्रमण के पीछे रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
वायरसों के संक्रमण को रोकने में रहे कामयाब
डॉ . धारीवाल के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में देश के सामने विभिन्न प्रकार के वायरस चुनौती के रूप में उभरे हैं। इबोला, निपाह, जीका और सार्स विषाणु तमाम देशों में फैले लेकिन भारत ने पुख्ता सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से इनके संक्रमण को रोकने में सफलता पाई है। जहां तक निपाह का सवाल है तो इसे केरल से और जिका को मध्य भारत के दायरे में ही सीमित कर दिया गया।
अलर्ट पर है निगरानी तंत्र
देश में विदेशों से फैलने वाले वायरस संक्रमण को रोकने के लिए हवाई अड्डों सहित अन्य
प्रवेश मार्गों पर मजबूत निगरानी तंत्र अलर्ट पर है। संभावित मरीजों को चिकित्सा निगरानी में रख कर उनकी बारीकी से जांच की जा रही है। देश में अभी तक कोरोना वायरस के मामले की पुष्टि नहीं हुई है। लोगों को घबराने के बजाए इससे बचाव के तरीकों को अपनाना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए।
मधुमेह और निमोनिया के मरीज बरतें सावधानी
मधुमेह या निमोनिया सहित कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग ऐसे वायरस संक्रमण के आसान शिकार हो सकते हैं।
इन देशों की यात्रा से बचें
चीन, जापान, कोरिया और थाईलैंड
सरीसृप वर्ग के जीवों से वायरस संक्रमण का रहता है जोखिम
डॉ. धारीवाल के मुताबिक, अब तक किए गए तमाम अध्ययनों से यही नतीजा निकाला गया है कि सरीसृप वर्ग के जीवों से मनुष्यों में वायरस संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि यह वायरस (Virus) जीव-जंतुओं से इंसानी शरीर को संक्रमित करता है लेकिन इंसान से इंसानों में संक्रमण के अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य जनजातीय क्षेत्रों में कोरोना वायरस को जोखिम है। दूरदराज के जनजातीय इलाकों में इस तरह के संक्रमणों को लेकर लोगों को जागरुक करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसके लिस इंटीग्रेटिड र्सिवलांस कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के लक्षण
फ्लू से मिलता जुलता लक्षण प्रकट होता है। जुकाम, नाक बहना, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती है।
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